वनस्पति उद्यान
"भारतीय जड़ी - बूटियों एवं वनस्पतियों का संरक्षण हमारा लक्ष्य है |"
आज के समय में वनस्पति जड़ी बूटीयो की सुरक्षा एवं संवर्धन अत्यंत आवश्यक है | भारत में वैदिक काल से ही हमारे ऋषि - मुनि जड़ी बूटियों से औषधि बनाकर उपचार करते थे जो कि आज भी
मानव मात्र के लिए अनुकूल है | आरोग्य साधना आश्रम भी इस प्रथा को जीवन्त किये हुवे है | इसके लिए आश्रम में ही वनस्पति उद्यान बनाया गया है जहाँ जड़ी बूटियों को उगाया जाता है, उनसे आयुर्वेदिक औषधिया बनाई जाती है एवं चर्म रोग, चिकनगुनिआ जैसी कई बीमारियों का इलाज किया जाता है |

आश्रम में ही नक्षत्र वाटिका बनाने की योजना है जिसमे पंचपल्लव वृक्ष पीपल, बरगद, जामुन, पाखर एवं ऊमर है, जिन सभी का अपना अपना महत्व है | साथ ही अलग अलग प्रकार के रंग बिरंगे फूलो के पौधे, वैश्विक वनस्पति, रसीले फलों के पेड़ होंगे जिनसे उद्यान की रंगत अत्यंत खूबसूरत होगी|
प्रत्येक स्थान की अपनी एक विशेषता होती है, वहां की प्रकृति एवं प्रवृत्ति भी अलग होती है, आश्रम में अपनी जगह की प्रकृति के अनुसार पादप लगाए जाते है एवं कुछ पादप प्राकृतिक रूप से स्वतः ही उग आते है | इन पादपों पर अध्ययन किया जाता है एवं उनसे विभिन्न विकारों के लिए औषधि का निर्माण किया जाता है |
इन सबके अलावा वनस्पति उद्यान में लगे पौधो की सुंदरता, पौधो पर लगे सुन्दर पुष्प एवं उनकी महक, वृक्षों की गहन छाया उन पर बने पक्षियों के घरौंदे एवं पक्षियों का कलरव हमारी सोंदर्य बोध की प्रवृति को परिपूर्ण करता है |
भारत की आयुर्वेद एवं शिक्षा को वर्तमान में भी जीवित एवं पोषित रखने का हमारा लक्ष्य निरंतर जारी है |