// आश्रम की प्रवृत्तियाँ //

प्राकृतिक चिकित्सा शिविर | ध्यान एवं योग शिविर | आयुर्वेदिक चिकित्सा शिविर

योग एवं आयुर्वेद प्राचीन भारतीय परम्परा एवं संस्कृति की अमूल्य देन है। योग का अभ्यास शरीर एवं मन, विचार एवं कर्म, आत्म संयम एवं चेतना की एकात्मा और मानव एवं प्रकृति के बीच सामंजस्य प्रदान करता है। योग केवल व्यायाम ही नही बल्कि स्वंय को प्रकृति के साथ खोजने और जोड़ने का एक भाव भी है। योग से हमारे शरीर में स्फूर्ति एवं जागरूकता आती है। हमे रोजाना सुबह सूर्योदय से पहले उठ कर ध्यान करना चाहिए, सूर्योदय के समय सूर्य नमस्कार की विधि करनी चाहिए साथ ही अन्य व्यायाम करने चाहिए |

आरोग्य साधना आश्रम में योग तथा प्राणायाम का प्रशिक्षण प्रशिक्षित शिक्षको के द्वारा दिया जाता है | इसके अलावा प्राकृतिक चिकित्सा का आयोजन भी होता है जहां बीमारी के अनुसार योग सिखाया जाता है एवं आयुर्वेदिक औषधि से रोग से मुक्त होने में मदद की जाती है | हर व्यक्ति अपने आप में अलग होता है, उन की अपनी अलग प्रवृति होती है जिसके अनुसार ही योग / व्यायाम सिखाया जाता है एवं उपचार किया जाता है |

योग, आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक चिकित्सा शिविर का आयोजन आश्रम के अलावा आस पास के निकट स्थानों पर भी किया जाता है | जहाँ पर लोगो को योग एवं प्राणायाम से होने वाले लाभो से अवगत कराया जाता है |

जीवन बहुमूल्य है एवं रोग मुक्त जीवन जीना ही हमारा मुख्य उद्देश्य है, इसलिए ऐसे शिविरों का आयोजन समय समय पर करके लोगो को रोगमुक्त जीवन कैसे जिया जाये उसका प्रशिक्षण दिया जाता है, साथ ही प्रकृति का महत्व भी बताया जाता है जिससे ये जीवन शैली अपना कर वह अपना एवं अपने परिवार की सुरक्षा कर सकते है तथा उनके साथ खुशहाली से जीवन यापन कर सकते है |