// आश्रम परिचय //

हमारे संस्थापक का परिचय

वैद्य श्री लाभशंकरजी जोशी

वैद्य श्री लाभशंकरजी जोशी का जन्म ५ अप्रैल १९२१ को मंडल, जिला भीलवाड़ा (राजस्थान) में प्रतिष्ठित ब्राह्मण परिवार में हुवा।

आपने दिल्ली आयुर्वेद संसथान से आयुर्वेद की शिक्षा प्राप्त की। राजस्थान सरकार के आयुर्वेद विभाग में विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए "सहायक निदेशक" के पद से सेवा निवृत्त हुवे।

समाज कैसे रोग मुक्त एवं औषध मुक्त बने इसके लिए हमेशा प्रयत्नशील रहे। आपने आमला, ग्वारपाठा, हरड़, सोयाबीन तुलसी, वटवृक्ष पर अनुसन्धान किये। श्वास तथा चर्म रोग के आप विशेषज्ञ रहे | देश के विभिन्न भागो से मूर्धन्य परामर्शदाता आपसे परामर्श करते थे |

संत वनोबा भावे के साथ आपने भूदान यज्ञ मे कार्य किया एवं ग्रमोत्थान के लिये सदा प्रयत्नशील रहे|

सेवा निव्रत्ति के पश्चात् लादुवास ग्राम मे अपनी कृषि भूमि मे से दस बीघा भूमि पर ट्रस्ट बनाकर "आरोग्य साधना आश्रम" की स्थापना की | आश्रम मे वेद विद्यालय, गौशाला, यज्ञशाला, व्यायाम शाला, वनस्पति उद्यान, साधना कुटीर, चिन्तामणि महादेव मन्दिर तथा हनुमान मन्दिर का निर्माण कराया |

आश्रम के तत्वाधान में "आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सा शिविर, योग शिविर, सूर्य चिकित्सा शिविर, अध्यात्म शिविर, निःशुल्क औषधि वितरण, चिकित्सा परामर्श" जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया |

आप तत्कालीन प्रखर संतो के कृपापात्र एवं समाज के मूर्धन्य गणमान्य व्यक्तियों के प्रेमपात्र रहे | स्वयं के लिए कम से कम लेते हुवे समाज को अधिक से अधिक देने का प्रयत्न किया | आप श्रेष्ठ चिंतक, विश्लेषक एवं परामर्शदाता रहे | स्वस्थ रहने के लिए आप हमेशा कहते थे :

"जीवन का दृढ पाया तीन - भोजन, कसरत, सुखभर नींद"

ऐसे निःस्प्रह् , निस्वार्थ, निष्काम, अर्वाचीन ग्रहस्थ् ने इस भूमण्डल से 12 जुन 2013 को महाप्रयाण किया |
"संत चल्या घर आपणे , पूरण कर सब् काज, पथ अनुसरण हम करे, सीख दे गये आज"